कर्णवंशी क्षत्रिय (कर्ण राजपूतों) के कुलगुरू भगवान परशुराम


कर्ण वंश के कुलगुरु :-  भगवन परशुराम
 

अन्य नाम-।      जमदग्नि के पुत्र होने के कारण ये 'जामदग्न्य' भी कहे जाते हैं।

अवतार -     विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार

वंश-गोत्र -    भृगुवंश

पिता -।           जमदग्नि

माता -            रेणुका

जन्म विवरण -    इनका जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ था। अत: इस दिन व्रत करने और उत्सव मनाने की प्रथा है।

धर्म-संप्रदाय :- हिंदू धर्म

परिजन -       रुमण्वान, सुषेण, वसु, विश्वावसु (सभी भाई)

विद्या पारंगत - धनुष-बाण, परशु

अन्य विवरण - परशुराम शिव के परम भक्त थे।

संबंधित पर्व - अक्षय तृतीया (गुरु जयंती )

अन्य जानकारी-  इनका नाम तो राम था, किन्तु शिव द्वारा प्रदत्त अमोघ परशु को सदैव धारण किये रहने के कारण ये 'परशुराम' कहलाते थे।

शिष्य - गंगा पुत्र भीष्म , द्रोणाचार्य, सूर्य पुत्र कर्ण

Comments

Popular posts from this blog

कर्णवंशी क्षत्रिय जाति की उत्पत्ति ( कर्ण राजपूत समाज का इतिहास )

कर्णवंशी क्षत्रिय ( कर्ण राजपूत ) समुदाय के अस्तित्व की प्रमाणिक पुष्टि

कर्णवंशी क्षत्रिय (कर्ण राजपूतों) के प्रचलित वंशानुगत गोत्र