कर्णवंशी क्षत्रिय ( कर्ण राजपूत ) समुदाय के अस्तित्व की प्रमाणिक पुष्टि

 


20 वी शताब्दी में कर्ण वंश का अस्तित्व 


चौथी शताब्दी में भारतेंदु हरिचंद्र में कर्ण वंश के अस्तित्व का प्रमाण
दूसरी शताब्दी में मुद्रा राक्षस से कर्ण वंश के अस्तित्व का प्रमाण 


छठी शताब्दी में कर्ण वंश की पुष्टि राजतरंगिणी के पंचम तरंग से क्षत्रिय समाज एवं गुर्जर समाज का इतिहास इसीलिए भ्रमित हो जाता है क्योंकि गुर्जर प्रदेश पर राज करने के कारण अन्य क्षत्रिय राजाओं को कहीं कहीं गुर्जर सम्राट के नाम से संबोधित किया जैसे कि अंग राज कर्ण, अयोध्या नरेश दशरथ, छेदी नरेश शिशुपाल, मद्रराज शल्य इसी प्रकार कर्ण वंश के राजाओं को गुर्जर प्रदेश पर राज करने की वज़ह से कही कही गुर्जर सम्राट भी कहा गया है हालांकि गुर्जरों का भी अपने आप में एक स्वाभिमानी इतिहास रहा है और यह भी एक मार्शल कौम है  




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